जय श्री राम | ॐ सिया रामाय नमः | जय हनुमान
🕉️ दरबार में सुबह-शाम नि:शुल्क ऑनलाइन सत्संग होता है   |   हर मंगलवार और शनिवार को "संपूर्ण हनुमान भक्ति विधि" का पाठ किया जाता है   |   यहाँ सच्ची भक्ति और साधना का महत्व सिखाया जाता है   |   गुरु सानिध्य में ही ईश्वर प्राप्ति संभव है   |   श्री बजरंग दास जी को साक्षात हनुमान जी के दर्शन हुए 🕉️
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शिव जी की आरती

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे,
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥
(ॐ जय शिव ओंकारा...)

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे,
त्रिगुण रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे॥
(ॐ जय शिव ओंकारा...)

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी,
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
(ॐ जय शिव ओंकारा...)

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
(ॐ जय शिव ओंकारा...)

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूल धर्ता,
जगकर्ता जगभर्ता जग संहारकर्ता॥
(ॐ जय शिव ओंकारा...)

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका,
प्रणवाक्षर में शोभित यह त्रिवेद का टीका॥
(ॐ जय शिव ओंकारा...)

शिव ओंकारा शिव ओंकारा हर ऊंकारा,
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा॥
(ॐ जय शिव ओंकारा...)

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा॥


॥ इति श्री शिव आरती समाप्त ॥